The World's Most Feared Serial Killer Was An Indian And He Killed Over 900 People बेहराम thug

ये कहानी हैं गिनीज  में अपना नाम दर्ज करने वाले प्रसिद्ध , खूंखार सीरियल किलर।| जिनपर कई किताबे , आर्टिकल देखने को मिल जायँगे | इन्होने अपनी जिंदगी में ९३१ लोगो को मोत के घाट उतार दिया | ऐसा बेहरहम सीरियल किलर के बारे में आज तक अपने शायद ही कभी सुना हो | ये कहानी अपने आप में ही रोंगटे खड़े करने वाली हैं | 
 जब भारत पर अंग्रेजो की हुकूमत थी , भारत में मुसलमानो के ७ ट्राइब्स ( समूह ) जो की काली माँ   की पूजा  करते थे | इन्ही ट्राइब्स में से बहुत सरे ठग्स पैदा हुए | सं १३०० से लेकर १८०० तक ५०० सालो में इन ठगो २० लाख लोगो का कतल किया गया , इनसब में सबसे बड़ा और खौफ नाम बाद में सामने आया | १७९० से लेकर १८४० तक ५० साल और वो नाम था बेहराम | जिसको लोग बेहराम ठग , बेरहम कातिल कहते थे  | ये सिलसिला जो जो १३०० से चालू हुआ , वह बेहराम पर आकर थम गया | जब बेहराम की बात अति हैं तब मुग़ल सल्तनत के पैर उखट चुके थे | दिल्ली सल्तनत पर अंग्रेजो का राज था अब अंग्रेजो को पता था भारत पर लम्बे समय तक राज करना हैं तो नियम कानून सख्त होने चाहिए | लेकिन एक चीज में अग्रेज पीछे रह गए | अचानक लोग गायब हो रहे थे | लोगो ने पुलिस का सहारा लिया | सबसे ज्यादा लोग जबलपुर , मारवाड़ , कडियावाड, लाहौर, कराची यह के व्यापारी गायब होने लगे | सबसे अजीब बात यह थी की इनकी लाशे तक नहीं मिलती थी | व्यापारियों के साथ तीर्थयात्री , तवायफ का करवा , जो लोग अंग्रेजो के लिए काम करते वह भी | खासकर दिल्ली , भोपाल के रस्ते  गायब हुए | अंग्रेजो को यह बात अब सोने नहीं दे रही थी , उन्होने इसका पता लगाने  के लिए अपने जासूस भेजे | उस दौर के ५ बड़े जासूस भी गायब हो गए | तब सेना की एक टुकड़ी को उस रास्ते पर भेजा गया वह भी गायब हो गयीं | अब अंग्रेज इस बात को बिल्कूल हजम नहीं करना चाहते थे | अब क्या किया जाय , करीब २० साल से चल रहा यह सिलसिला | लोगो में इसका डर   बैठ गया | १८०९ में अंग्रेजो ने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक खास अफसर को इंग्लैंड  से बुलाया गया | जो की इस तरह के मामलों में महारथ  थी कप्तान विलियम|  अंग्रेजो ने एक नया विभाग बनाया ठग और डकेती विभाग जिसका प्रमुख कप्तान विलियम को बनाया गया | जिसका मुख्यालय जबलपुर बनाया | उस समय अगर आपको देश के किसिस कोने म जाना हो तो जबलपुर,  ग्वालियर होकर जाना पड़ेगा | तब इन रास्तो को दोनों तरफ जंगल हुआ करते थे | सबसे पहले विलियम ने सड़क किनारे जंगल साफ करवा दिए | तथा अपनी एक जासूसों को भेजा | पहली जाँच में आया की यह एक ठगो का गिरोह हे | लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही थी | धीरे - धीरे जानकारी मिले की ये एक समूह हैं | जिसमे करीब २०० लोग हैं , बेहराम उनका  मुखिया हैं | अब बेहरम के बारे में पता किया गया |  बेहराम जबलपुर के पास एक छोटे से गांव में पैदा हुआ १७६५ में | 

                                        behram thug - famous serial killer
१६ साल की उम्र में इसकी मुलाकात होती हैं सईद आमिर अली , जो की छोटे मोठे गिरोह को लुटा करते थे | धीरे -धीरे अली  इसका दाहिना हाथ बन गया | बेहराम ने इस सिलसिले को और आगे लेजाने का सोचा | बेहराम ने तरकीब निकली  एक डोली नाम की अंग्रेज लड़की का इस्तेमाल किया | डोली व्यापरयो को लुभाती , और बेहराम उन्हे लूट लेता | बाद में डोली से बेहराम की जोड़ी टूट गयी | बाद में बेहराम ने अपना गेंग बनाया , वो खुद व्यापारी बनकर व्यापरियों  का भरोसा जित कर उनके साथ यात्रा करते | धीरे - धीरे बेहराम के साथी उनके साथ मिलते जाते , जब तक की इनकी संख्या व्यापारियों से ज्यादा नहीं हो जाती वो उनके साथ रहते
                             


क़त्ल करने का अनोखा तरीका 

अपने भी बचपन में ठगो की कहानी सुनी होगी |  इनकी कहानी भी अगल हैं | इनमे से हर ३ आदमी १ आदमी को मरते थे |  दो आदमी उसके हाथ पैर पकड़ते , बेहराम उसका अपने रुमाल से क़त्ल करदेता | उसके रुमाल का  रंग पीला था | हमेसा वह  अपने इसी रुमाल से सबका क़त्ल करदेता | बाद में सभी सभी लाशो को नदी या कुए में फेक देते | दूसरी अजीब बात यह की सभी व्यक्तियों जिसका उसने क़त्ल किय , घुटने के पास से पैर तोड़ देते थे | हर सफल लूट के बाद वह सब काली माँ की पूजा करते | जहा उन्हे मारा या दफनाया बाद में वह बढ़ कर गुड खाते थे | और कहा जाता हैं अगर किसी अनजान आदमी को भी अगर उन्होने वह गुड खिला दिया , वो आदमी उनकी गेंग का हो जाता था | यह सिलसिला चलते ५० साल हो गए 

                         

                        

अली का पकड़ा जाना 

अली  जिसका नाम फिरंगी हुआ करता था जो की अंग्रेजो जैसा दीखता था| अपने मुखबिरों से विलियम ने अली  को पकड़ लिया| अली की निसान  देहि पर पर ५०० कंकाल मिले | बेहराम अपने ठिकाने बदलता रहता था | १८३२ में अली गिरफ्तार हुआ था लेकिन बेहराम तक पहुचँने में अंग्रेज को ७ साल लगे | लेकिन अली की निशान देहि पर  १८३९ में बेहराम अंग्रेजो के हाथ लगता  हैं |  वह डरा नहीं उसने पुलिस को बताया उसने ९३१ लोगो को मारा वो भी सभी को अपने रुमाल से | करीब एक साल तक मुकदमा चला उसके बताने पर पता चला १४०० लोग और इस गेंग में हैं | १८३९ में बेहराम को फांसी दे दी गयी | उसके समूह के लोगो को एक एक करके अलग -अलग पेड़ से लटककर फांसी देदी गयी |  बाद में जांच में पता चला कुछ महीने ये लोग खेती करते थे | बाद में फसल बेचने के बहाने निकल जाते | वह के लोग भी इनके बारे में जानते थे | बाद में बहुत से व्यापारियों को अंग्रेजो ने पकड़ा फांसी दे दी | जब उसे पकड़ा गया उसकी उम्र ७५ साल थी , जब विलियम भारत से वापस गया वह बेहराम का रुमाल अपने साथ ले गया |   तो ये थी गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने वाले बेहराम ठग की 

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