जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्धयालय के छात्र एक बार फिर सुर्खियों मे हैं। JNU के छात्र पढ़ाई के आलावा उन सभी काम के लिए जिसमे देश हित कम खुद के फायदे के ज्यादा ज्यादा होते हैं । इस बार वह हिंसा को लेकर चर्चा में हैं। (ये भी पड़े - एक घटना पर आधारित पहली राजनैतिक फिल्म The Tashkent Files)
यह हैं मामला

JNU प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल पर बढ़े छात्रों का समर्थन करने वाले करीब २०० छात्रों ने कुलपति म. जगदीश कुमार के घेराव किया घर तोड़फाड़ की, वह मौजूद सुरक्षा बलों के रुकने के बाद भी छात्रों ने कुलपति के घर का दरवाजा तोड़ दिया। उनकी पत्नी को भी बंधक बना लिया। कुलपति ने इसकी निंदा अपने ट्वीटर से की। हलाकि छात्रों का कहना हैं , उन्होंने शांति पूर्ण प्रदर्शन किया जब कुलपति वह मौजूद थे। कुलपति का कहना हैं छात्रों ने उनकी पत्नी को बहुत देर एक कमरे में बांध रखा। क्या छात्र अपनी विचार व्यक्त आजादी का फायदा उठा रहे हैं ? क्या छात्रों की राजनीती में सतर्कता शिक्षण संस्थानों के लिए हानिकारक हैं ?
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